Constitution Of The Assocition

Constitution of the Association

                 अखिल भारतीय सेवायें (राजस्थान ) पेंशनर्स समिति , जयपुर

                                          विधान ( नियमावली )

( वार्षिक साधारण सभा दिनांक 16.12.2012 के संकल्प सं. 2 के अनुसार यथा संशोधित )

1. संस्था का नाम : इस संस्था का नाम अखिल भारतीय सेवायें (राजस्थान ) पेंशनर्स समिति जयपुर है तथा रहेगा |

2. पंजीकृत कार्यालय तथा कार्यक्षेत्र : समिति का कार्यक्षेत्र भारत होगा | समिति का पंजीकृत कार्यालय 8, 9 व 10, पटेल भवन, हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (HCM RIPA-OTS) जवाहर लाल नेहरु मार्ग , जयपुर -302017 है |

3. संस्था का उद्देश्य : इस संस्था के निम्नलिखित उद्देश्य है :-

1. अखिल भारतीयों सेवाओं के राजस्थान क्षेत्र केडर के सेवानिवृत तथा समिति के अन्य सदस्यों के कल्याण हेतु कार्य करना | यह समिति राजस्थान सरकार के अन्य पेंशनर्स व समाज के पिछड़े तबके के नागरिको के कल्याण हेतु कार्य एवं अन्य सेवा कार्य कर सकेगी |

2. अन्य राज्य की समितियों एवं अखिल भारतीय समिति के संपर्क में रहना एवं सामूहिक निर्णयों के अनुसार कार्यवाही करना |

3. सदस्यों एवं अन्य की सुविधा हेतु कार्य करना, जैसे डिस्पेंसरी, वाचनालय स्थापित करना, विश्राम भवन आदि की व्यवस्था करना |

4. उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक एवं सहायक सभी कार्य करना |

5. राज्य के मुख्य नगरो में समिति की इकाइयाँ स्थापित करना |

6. राज्य व केन्द्रीय सरकारों तथा उनके द्वारा गठित आयोगों के समक्ष सदस्यों के हित सम्बन्धी प्रस्ताव व योजना प्रस्तुत करना व उनके क्रियान्वन हेतु प्रयत्न करना |

4. सदस्य : निम्न योग्यता रखने वाले व्यक्ति संस्था के सदस्य बन सकेंगे |

1. अखिल भारतीय सेवाओं के राजस्थान केडर के सेवानिवृत अधिकारी हो |

2. अन्य प्रान्तों के ऐसे ही अधिकारी जो

(अ) राजस्थान में स्थायी निवास कर रहे हो या

(ब) ऐसे राज्यों के निवासी हों जहाँ ऐसी समिति गठित न हुई हो |

5. सदस्यों का वर्गीकरण : संस्था के सदस्य निम्न प्रकार वर्गीकृत होंगे |

1. साधारण

6. सदस्यों द्वारा प्रदत्त शुल्क व चंदा :

शुल्क व चंदा साधारण सभा द्वारा निर्धारित किया जायेगा |

7. सदस्यता से निष्कासन :

संस्था के सदस्यों का निष्कासन निम्न प्रकार किया जा सकेगा :

1. म्रत्यु होने पर

2. त्याग पत्र देने पर

3. संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर

4. प्रबंधकारिणी द्वारा दोषी पाए जाने पर

उक्त प्रकार के निष्कासन की अपील 15 दिन के अन्दर अन्दर लिखित में आवेदन करने पर

साधारण सभा के निर्णय हेतु वैध समझी जाएगी तथा साधारण सभा के बहुमत का निर्णय अंतिम होगा |

8. साधारण सभा : संस्था के उपनियम संख्या 5 में वर्णित समस्त प्रकार के सदस्य साधारण सभा का निर्माण करेंगे |

9. साधारण सभा के अधिकार और कर्तव्य:साधारण सभा के निम्न अधिकार और कर्त्तव्य होंगे

1. प्रबंधकारिणी का चुनाव करना

2. वार्षिक बजट पारित करना

3. प्रबंधकारिणी द्वारा के किये हुए कार्यो की समीक्षा करना एवं पुष्टि करना

4. संस्था के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से विधान में संशोधन, परिवर्तन अथवा परिवर्धन करना

(जो रजिस्ट्रार के कार्यालय में फाइल कराया जाकर प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर लागु होगा )

10. साधारण सभा की बैठकें :

1. साधारण सभा की वर्ष में एक बैठक अनिवार्य होगी लेकिन आवश्यकता पड़ने पर विशेष सभा अध्यक्ष / मंत्री द्वारा कभी भी बुलाई जा सकेगी |

2. साधारण सभा का कोरम कुल सदस्यों का 1/3 होगा |

3. बैठक की सूचना 7 दिन पूर्व व अत्यावश्यक बैठक की सुचना 3 दिन पूर्व दी जाएगी |

4. कोरम के अभाव में बैठक स्थगित की जा सकेगी | जो पुन: 1 घंटे पश्चात निर्धारित स्थान व समय पर आहूत की जा सकेगी | ऐसी स्थगित बैठक में कोरम की कोई आवश्यकता नही होगी लेकिन विचारणीय विषय वही होंगे जो पूर्व में एजेंडा में थे |

5. संस्था के 1/3 अथवा 15 सदस्य इनमे से जो भी कम हो, के लिखित आवेदन करने पर मंत्री / अध्यक्ष द्वारा के एक माह के अन्दर अन्दर बैठक आहूत करना अनिवार्य होगा | निर्धारित अवधि में अध्यक्ष / मंत्री द्वारा बैठक न बुलाये जाने पर उक्त 15 सदस्यों में से कोई भी 3 सदस्य नोटिस जरी कर सकेंगे |

11. कार्यकारिणी का गठन : संस्था के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक प्रबंधकारिणी का गठन किया जायेगा, जिसके पदाधिकारी व सदस्य निम्न प्रकार होंगे :

1. अध्यक्ष-1

2. उपाध्यक्ष-3

3. मंत्री-1

4. कोषाध्यक्ष-1

5. संयुक्त मंत्री –2

6. सदस्य-3

इस प्रबंधकारिणी में आठ पदाधिकारी व तीन सदस्य कुल ग्यारह सदस्य होंगे |

12. कार्यकारिणी का निर्वाचन :

1. संस्था की प्रबंधकारिणी का चुनाव 2 वर्ष की अवधि के लिए साधारण सभा के द्वारा किया जावेगा |

2. चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली के द्वारा किया जावेगा |

3. चुनाव अधिकार की नियुक्ति प्रबंधकारिणी द्वारा की जावेगी |

13. कार्यकारिणी के अधिकार और कर्तव्य: संस्था की कार्यकारिणी के निम्नलिखित अधिकार एवं कर्तव्य होंगे :

1. सदस्य बनाना / निष्काषित करना

2. वार्षिक बजट तैयार करना

3. संस्था की सम्पत्ति की सुरक्षा करना

4. वैतनिक कर्मचारियों की नियुक्ति करना तथा उनके वेतन भत्ते का निर्धारण करना, सेवा मुक्त करना

5. साधारण सभा द्वारा पारित निर्णयों को किर्यान्वित करना |

6. कार्य व्यवस्था हेतु उपसमितियां बनाना |

7. अन्य कार्य जो संस्था के हितार्थ हो , करना |

14. कार्यकारिणी की बैठकें:

1. कार्यकारिणी की वर्ष में कम से कम चार बैठकें अनिवार्य होंगी , लेकिन आवश्यकता होने पर बैठक अध्यक्ष / मंत्री द्वारा कभी भी बुलाई जा सकेंगी |

2. बैठक का कोरम प्रबंधकारिणी की कुल संख्या के आधे से अधिक होगा |

3. बैठक की सुचना प्राय: 7 दिन पूर्व दी जावेगी तथा अत्यावश्यक बैठक की सूचना परिचालन से कम समय में भी दी जा सकती है |

4. कोरम के अभाव में बैठक स्थगित की जा सकेगीजो पुन: 1 घंटे पश्चात निर्धारित स्थान व समय पर होगी | ऐसी स्थगित बैठक में कोरम की कोई आवश्यकता नही होगी लेकिन विचारणीय विषय वही होंगे, जो पूर्व में एजेंडा में थे | ऐसी स्थगित बैठक में उपस्थित सदस्यों के अतिरिक्त प्रबंधकारिणी के कम से कम दो पदाधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी |

15. प्रबंधकारिणी के पदाधिकारियों के अधिकार एवं कर्तव्य : संस्था की प्रबंधकारिणी के अधिकार एवं कर्तव्य निम्न प्रकार होंगे :

1. अध्यक्ष: 1. बैठको की अध्यक्षता करना | 2. मत बराबर आने पर निर्णायक मत देना |

3. बैठकें आहूत करना | 4. संस्था का प्रतिनिधित्व करना | 5. संविदा तथा अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना |

2. उपाध्यक्ष: 1. अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्ष के सभी अधिकारों का प्रयोग करना |

2. प्रबंधकारिणी द्वारा प्रदत्त अन्य अधिकारों का उपयोग करना |
3. मंत्री : 1. बैठकें आहूत करना | 2. कार्यवाही लिखना तथा रिकॉर्ड रखना | 3. आय व्यय पर नियन्त्रण करना | 4. वैतनिक कर्मचारियों पर नियंत्रण करना तथा उनके वेतन एवं यात्रा बिल आदि पास करना | 5. संस्था ला प्रतिनिधित्व करना व क़ानूनी दस्तावेजों पर संस्था की ओर से हस्ताक्षर 6. पत्र व्यवहार करना | 7. संपत्ति की सुरक्षा हेतु वैधानिक अन्य कार्य जो आवश्यक हो |

4. संयुक्त मंत्री : 1. मंत्री की अनुपस्थिति में मंत्री पद के समस्त कार्य संचालन करना | 2. अन्य कार्य जो प्रबंधकारिणी द्वारा सौंपे जावें |

5. कोषाध्यक्ष : 1. वार्षिक लेखा जोखा तैयार करना | 2. दैनिक लेखो पर नियंत्रण करना | 3. चंदा / शुल्क / अनुदान आदि प्राप्त कर रसीद देना | 4. अन्य प्रदत्त कार्य संपन्न करना |

16. संस्था का कोष : संस्था का कोष निम्न प्रकार संचित होगा :

1. चंदा 2. शुल्क 3. अनुदान 4. सहायता 5. राजकीय अनुदान : 1. उक्त प्रकार से संचित राशि किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित की जाएगी | 2. अध्यक्ष / मंत्री / कोषाध्यक्ष में से किन्ही दो पदाधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षरों से बैंक से लेन देन संभव हो सकेगा |

17. कोष सम्बन्धी विशेषाधिकार : संस्था के हित में तथा कार्य व समय की आवश्यकतानुसार निमं पदाधिकारी संस्था की राशि एक मुश्त स्वीकृत कर सकेंगे : 1.अध्यक्ष : दस हजार रुपये 2. मंत्री : पांच हजार रुपये 3. कोषाध्यक्ष: चार हजार रुपये

उपरोक्त राशि का अनुमोदन प्रबंधकारिणी से कराया जाना आवश्यक होगा | अंकेक्षक की नियुक्ति, प्रबंधकारिणी द्वारा की जायेगी |

18. संस्था का अंकेक्षण: संस्था के समस्त लेखों जोखों का वार्षिक अंकेक्षण कराया जावेगा |

19. संस्था के विधान में परिवर्तन : संस्था के विधान में आवश्यकतानुसार साधारण सभा के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से परिवर्तन, परिवर्धन अथवा संशोधन किया जा सकेगा जो राजस्थान रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1958 की धारा 12 के अनुरूप होगा |

20. संस्था का विघटन: यदि संस्था का विघटन आवश्यक हुआ, तो संस्था की चल अचल संपत्ति समान उद्देश्य वाली संस्था को हस्तांतरित कर दी जावेगी लेकिन उक्त समस्त कार्यवाही राजस्थान संस्था रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1958 की धारा 13 व 14 के अनुरूप होगी | रजिस्ट्रार संस्थाएं को संविधान रद्द करने का पूर्ण अधिकार होगा |

21. संस्था के लेखे जोखे का निरीक्षण : रजिस्ट्रार संस्थाएं जयपुर को संस्था के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने का पूर्ण अधिकार होगा व उनके द्वारा दिए गए सुझावों की पूर्ति की जावेगी |

प्रमाणित किया जाता है उक्त विधान ( नियमावली ) अखिल भारतीय सेवायें (राजस्थान ) पेंशनर्स समिति , जयपुर संस्था की सही व सच्ची प्रतिलिपि है |